---Advertisement---

भारत में बने आईफोन पर अमेरिका में 25% टैरिफ नहीं:स्मार्टफोन्स पर टैरिफ का फैसला बाद में; वहां बिक रहे 78% आईफोन मेड इन इंडिया

By: Guriya kumari ji

On: July 31, 2025

Follow Us:

---Advertisement---

Job Details

Job Salary:

Job Post:

Qualification:

Age Limit:

Exam Date:

Last Apply Date:

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयात होने वाले कुछ सामानों पर 25% टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने का ऐलान किया है, जो 1 अगस्त, 2025 से लागू होने वाला है। इस घोषणा ने भारत के व्यापारिक और औद्योगिक हलकों में चिंता पैदा कर दी है, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ भारत अमेरिका को बड़ी मात्रा में निर्यात करता है। हालांकि, फिलहाल भारत में बने iPhones पर इस टैरिफ का सीधा असर नहीं होगा। यह राहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर सेक्टर की चल रही समीक्षा के कारण मिली है, जिसके पूरा होने तक स्मार्टफोन्स को टैरिफ से छूट दी गई है। यह खबर भारत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका में बिकने वाले लगभग 78% आईफोन अब ‘मेड इन इंडिया’ हैं, जो भारत को आईफोन मैन्युफैक्चरिंग का एक प्रमुख केंद्र बनाने की एप्पल की रणनीति को दर्शाता है।

टैरिफ का ऐलान और इसकी पृष्ठभूमि

  • डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में यह घोषणा की कि भारत को 1 अगस्त से 25% टैरिफ देना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि रूस से ऊर्जा और हथियार खरीदने के लिए भारत को अतिरिक्त जुर्माना भी देना होगा। ट्रंप ने भारत पर “बहुत ज्यादा टैक्स” लगाने और “दुनिया में सबसे ज्यादा मुश्किल और खराब गैर-मौद्रिक व्यापार बाधाएं” रखने का आरोप लगाया। उनका यह कदम ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और भारत के बीच एक व्यापार समझौते को लेकर बातचीत पूरी नहीं हो पाई है।
  • ट्रंप के अनुसार, भारत का रूस से सैन्य उपकरण खरीदना और चीन के साथ रूस का सबसे बड़ा ऊर्जा खरीदार होना ऐसे समय में “अच्छी बातें नहीं हैं” जब हर कोई चाहता है कि रूस यूक्रेन में युद्ध बंद करे। यह बयान अमेरिका-भारत संबंधों में एक नया तनाव पैदा कर रहा है, खासकर तब जब भारत अपने “मेक इन इंडिया” अभियान के तहत वैश्विक विनिर्माण कंपनियों को आकर्षित करने का प्रयास कर रहा है।

आईफोन पर टैरिफ से फिलहाल राहत क्यों?

  • सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या इस 25% टैरिफ का असर भारत में बने iPhones पर भी पड़ेगा, जिनकी अमेरिका में बिक्री तेजी से बढ़ रही है। अच्छी खबर यह है कि फिलहाल भारत से अमेरिका को भेजे जा रहे iPhones सुरक्षित हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि अप्रैल 2025 में, ट्रंप प्रशासन ने कंप्यूटर, स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को प्रतिशोधात्मक टैरिफ से छूट दी थी। यह फैसला इसलिए लिया गया था क्योंकि इनमें से अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक आइटम अमेरिका में नहीं बनते हैं, और टैरिफ लगाने से अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए उनकी कीमतें बढ़ जातीं, जिससे एप्पल और एनवीडिया कॉर्प जैसी अमेरिकी कंपनियों को भी नुकसान होता।
  • अमेरिकी वाणिज्य विभाग वर्तमान में व्यापार विस्तार अधिनियम की धारा 232 के तहत सेमीकंडक्टर जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले क्षेत्रों की समीक्षा कर रहा है। जब तक यह समीक्षा पूरी नहीं हो जाती, स्मार्टफोन्स (जिनमें भारत में बने आईफोन भी शामिल हैं) पर कोई आयात शुल्क नहीं लगेगा। यह छूट अस्थायी है, और विशेषज्ञ उम्मीद कर रहे हैं कि इन समीक्षाओं के परिणामस्वरूप भविष्य में कई विदेशी-निर्मित उत्पादों पर नए टैरिफ लगाए जा सकते हैं, जिसमें आईफोन भी शामिल हो सकते हैं यदि छूट समाप्त हो जाती है।

भारत में आईफोन उत्पादन का बढ़ता महत्व

यह टैरिफ घोषणा ऐसे समय में आई है जब एप्पल भारत को अपने वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में तेजी से विकसित कर रहा है।

  • चीन पर निर्भरता में कमी: एप्पल अपनी आपूर्ति श्रृंखला में चीन पर निर्भरता कम करने के लिए सक्रिय रूप से भारत में उत्पादन बढ़ा रहा है। अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापारिक तनाव और चीन में कोविड-19 से संबंधित आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधानों के कारण एप्पल ने “चीन-प्लस-वन” रणनीति अपनाई है, जिसमें भारत एक प्रमुख विकल्प के रूप में उभरा है।
  • मेड इन इंडिया” का प्रभुत्व: कैनालिस (Canalys) जैसी शोध फर्मों के अनुसार, भारत ने जून तिमाही में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। अप्रैल-जून 2025 तिमाही में अमेरिका में बेचे गए सभी आईफोन का 78% हिस्सा भारत में असेंबल किया गया था, जो मुख्य रूप से तमिलनाडु स्थित फॉक्सकॉन की फैक्ट्रियों से भेजे गए थे। यह आंकड़ा दर्शाता है कि भारत अब अमेरिका के लिए आईफोन का शीर्ष आपूर्तिकर्ता बन गया है, जिसने चीन को पीछे छोड़ दिया है। वैश्विक आईफोन उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी अब पांचवें हिस्से से भी अधिक हो गई है।
  • उत्पादन विस्तार की योजनाएं: एप्पल की योजना वर्ष 2025-26 तक भारत में आईफोन उत्पादन को 35-40 मिलियन यूनिट से बढ़ाकर 60 मिलियन यूनिट तक पहुंचाने की है। यह भारत सरकार की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना से मिलने वाले लाभों से भी प्रेरित है, जो घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देती है। PLI योजना एप्पल और उसके विनिर्माण भागीदारों को भारत में उत्पादन करने पर वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है, जिससे उनके लिए भारत में उत्पादन करना अधिक आकर्षक हो जाता है।

संभावित भविष्य की चुनौतियाँ और भारत के लिए अवसर

  • भले ही फिलहाल भारत में बने आईफोन को अमेरिकी टैरिफ से राहत मिली हो, लेकिन भविष्य में चुनौतियां आ सकती हैं। यदि ट्रंप प्रशासन इलेक्ट्रॉनिक्स पर दी जा रही छूट को वापस ले लेता है, तो भारत में असेंबल किए गए आईफोन चीन या वियतनाम में बने आईफोन की तुलना में अमेरिका में अधिक महंगे हो सकते हैं, जिससे एप्पल की भारत केंद्रित विनिर्माण रणनीति पर असर पड़ सकता है। ट्रंप की आक्रामक बयानबाजी से यह साफ है कि अगर वह सत्ता में लौटते हैं, तो ‘मेड इन इंडिया’ आईफोन भी राजनीतिक बहस का हिस्सा बन सकता है।

हालांकि, कुछ विशेषज्ञ इसे भारत के लिए संकट के बजाय एक अवसर के रूप में भी देख रहे हैं:

  • नए बाजारों की खोज: टैरिफ के दबाव से भारत को अमेरिका से परे नए निर्यात बाजारों की तलाश करने के लिए प्रोत्साहन मिल सकता है, जिससे उसकी व्यापारिक निर्भरता कम होगी।
  • मेक इन अमेरिका” में भारतीय कंपनियों को मौका: यदि अमेरिका में उत्पादन पर जोर बढ़ता है, तो भारतीय कंपनियां अमेरिका में विनिर्माण इकाइयों की स्थापना या अमेरिकी कंपनियों के साथ साझेदारी के अवसर तलाश सकती हैं।
  • मेक इन इंडिया” को बूस्टर: अमेरिकी टैरिफ से भारत में अमेरिकी और वैश्विक कंपनियों को स्थानीय स्तर पर उत्पादन करने के लिए और अधिक प्रोत्साहन मिल सकता है, जिससे नौकरी, निवेश और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की गति बढ़ेगी। एप्पल, फॉक्सकॉन जैसे वैश्विक ब्रांड्स का भारत में विस्तार इसी का एक उदाहरण है।
  • घरेलू बाजार पर ध्यान: भारत अपनी विशाल आबादी के कारण एक उपभोग-आधारित बाजार बना हुआ है। टैरिफ के दबाव से भारत सरकार को घरेलू विनिर्माण और घरेलू खपत को बढ़ावा देने पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिल सकता है।
  • ट्रेड पॉलिसी में सुधार का दबाव और अवसर: यह स्थिति भारत को अपनी व्यापार नीतियों की समीक्षा करने और उन्हें अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए प्रेरित कर सकती है, जिससे दीर्घकालिक व्यापारिक संबंध मजबूत होंगे।

निष्कर्ष

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा एक जटिल स्थिति पैदा करती है। हालांकि, भारत में बने आईफोन को फिलहाल इस टैरिफ से छूट मिली हुई है, यह एक अस्थायी राहत है। एप्पल के लिए भारत एक महत्वपूर्ण विनिर्माण केंद्र बन गया है, जहां से अमेरिका को बड़ी संख्या में आईफोन निर्यात किए जा रहे हैं। यह स्थिति भारत के “मेक इन इंडिया” अभियान की सफलता को दर्शाती है और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में इसकी बढ़ती भूमिका को रेखांकित करती है।

भविष्य में अमेरिकी व्यापार नीतियों में संभावित बदलावों के लिए भारत को तैयार रहना होगा। यह स्थिति एक चुनौती के साथ-साथ भारत के लिए अपनी व्यापारिक रणनीतियों को मजबूत करने, नए बाजारों की तलाश करने और घरेलू विनिर्माण को और बढ़ावा देने का एक अवसर भी प्रस्तुत करती है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक बातचीत की दिशा और इलेक्ट्रॉनिक्स पर टैरिफ छूट की अवधि दोनों देशों के बीच भविष्य के आर्थिक संबंधों और वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Related Job Posts

Directorate of School Education Puducherry Recruitment 2025 – 190 Primary School Teacher Jobs

Job Post:
Primary School Teacher
Qualification:
12th, Diploma
Job Salary:
No
Last Date To Apply :
October 14, 2025
Apply Now

Bihar Museum Society Recruitment 2025: Apply Online

Job Post:
Personal Assistant, Bill Clerk, Lower Division Clerk
Qualification:
Diploma, Graduation Degree
Job Salary:
70,000/-
Last Date To Apply :
November 15, 2025
Apply Now

Patna High Court Stenographer Syllabus 2025 PDF – Download

Job Post:
Stenographer (Group-C)
Qualification:
Graducation
Job Salary:
28,000/-Pm
Last Date To Apply :
September 19, 2025
Apply Now

NTPC Recruitment 2025: Apply for 25 Managerial Posts

Job Post:
Qualification:
Job Salary:
Last Date To Apply :
Apply Now

Leave a Comment